कालसर्प पूजा​

Best Pandits for Kaal Sarp Puja in Ujjain

आचार्य पंडित रोहित शास्त्री जी और पंडित कार्तिक शर्मा जी द्वारा कालसर्प दोष निवारण पूजा​

यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए उज्जैन और नासिक में विशेष पूजा की जाती है। उज्जैन में बाबा महाकाल और शिप्रा नदी के तट पर पूजा करने से नौ सांपों का आशीर्वाद मिलता है, और राहु-केतु की पूजा से सफलता प्राप्त होती है। नाग की सोने की मूर्ति की पूजा से देवी लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

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कालसर्प दोष क्या है ?

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह स्थित होते हैं, तो इसे कालसर्प दोष कहते हैं। इसका नाम “कालसर्प” इसलिए पड़ा क्योंकि राहु का अधिपति देवता काल और केतु का अधिपति देवता सर्प होते हैं। यह दोष जीवन में कई समस्याएँ उत्पन्न करता है, जैसे मेहनत का फल न मिलना, विवाह में विलंब, वैवाहिक कलेश, और मानसिक अशांति।

कालसर्प दोष के संकेत और लक्षण:

  • कार्यक्षेत्र में बार-बार रुकावटें।
  • पढ़ाई में बाधाएं।
  • सर्प का भय और डरावने स्वप्न।
  • भोजन में बाल मिलना।
  • बिस्तर में पेशाब कर देना।

कालसर्प दोष के प्रकार और उनके प्रभाव:

  • अनंत कालसर्प योग: अपमान और पानी का भय।
  • कुलिक कालसर्प योग: आर्थिक हानि और परिवार में संघर्ष।
  • वासुकि कालसर्प योग: रक्तचाप की समस्या और रिश्तेदारों से हानि।
  • शंखपाल कालसर्प योग: दुख और नौकरी से संबंधित समस्याएँ।
  • पद्म कालसर्प योग: शिक्षा में बाधा और बच्चों में देरी।
  • महापद्म कालसर्प योग: पीठ दर्द और आर्थिक कठिनाइयाँ।
  • तक्षक कालसर्प योग: व्यापार में हानि और वैवाहिक समस्याएँ।
  • कार्कोटक कालसर्प योग: पूर्वजों की संपत्ति और यौन रोग।
  • शंखनाद कालसर्प योग: धार्मिक विरोध और उच्च रक्तचाप।
  • घातक कालसर्प योग: कानून से समस्याएँ और राजनीतिक शक्तियाँ।
  • विशधर कालसर्प योग: अस्थिरता।
  • शेषनाग कालसर्प योग: हार, दुर्भाग्य, और गुप्त शत्रु।

कालसर्प दोष का निवारण:

आचार्य पंडित रोहित शास्त्री जी और पंडित कार्तिक शर्मा जी उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष पूजा का आयोजन करते हैं। उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर और शिप्रा नदी के तट पर इस पूजा का अत्यधिक महत्व है। इस पूजा में गणेश-गौरी पूजन, नवग्रह पूजन, नाग माता पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान शामिल होते हैं। पूजा की सभी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, और भक्तों को पूरी श्रद्धा के साथ इस पूजा का लाभ मिलता है।

उज्जैन में बाबा महाकाल की चरणों में की गई पूजा से दोष दूर होता है और जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं।

अपनी कुंडली में कालसर्प दोष की जांच और निवारण के लिए आज ही संपर्क करें:
आचार्य पंडित रोहित शास्त्री जी और पंडित कार्तिक शर्मा जी आपके दोष निवारण में मदद के लिए यहाँ उपलब्ध हैं।

काल सर्प दोष पूजा FAQ

काल सर्प दोष पूजा के लिए सामान्य प्रश्न (FAQ)

काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब उत्पन्न होता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सभी सप्तऋषियों के बीच में राहु और केतु के स्थित होते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याओं, जैसे आर्थिक कठिनाइयां, स्वास्थ्य समस्याएं, और पारिवारिक विवाद, का कारण बन सकता है।

काल सर्प दोष पूजा व्यक्ति के जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए की जाती है। यह पूजा व्यक्ति को राहु और केतु की नकारात्मक प्रभावों से बचाती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति में मदद करती है।

उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा महाकालेश्वर मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों में की जाती है। पूजा के दौरान, विशेष रूप से राहु और केतु के दोषों को दूर करने के लिए विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। आचार्य पंडित रोहित शास्त्री जी और पंडित कार्तिक शर्मा जी के मार्गदर्शन में इस पूजा को पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार किया जाता है।

काल सर्प दोष पूजा की लागत पूजा स्थल और पंडित की सेवाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। सामान्यतः, पूजा की लागत में पूजा सामग्री, पंडित की फीस, और अन्य संबंधित खर्च शामिल होते हैं। सटीक जानकारी के लिए संबंधित मंदिर या पंडित से संपर्क करें।

उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा के लिए कई अनुभवी और प्रतिष्ठित पंडित उपलब्ध हैं। इनमें आचार्य पंडित रोहित शास्त्री जी और पंडित कार्तिक शर्मा जी प्रमुख नाम हैं, जो अपने अनुभव और विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं। वे पूजा को विधिपूर्वक और श्रद्धा के साथ संपन्न करते हैं, जिससे पूजा का प्रभाव और लाभ बढ़ जाता है।

काल सर्प दोष पूजा को आमतौर पर विशेष ज्योतिषीय अवसरों या महापर्वों के दौरान किया जाता है। यह पूजा व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार उपयुक्त समय पर की जाती है। पंडित से सलाह लेकर सही समय और विधि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

पूजा के बाद, पंडित द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है। इसमें विशेष मंत्रों का जाप, दान-पुण्य, और कुछ व्रत या उपवास शामिल हो सकते हैं, जो पूजा के प्रभाव को बढ़ाते हैं और दोषों को दूर करने में सहायक होते हैं।

काल सर्प दोष पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। पूजा के माध्यम से व्यक्ति को राहु और केतु के प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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ईमेल : poojanmarmagya@gmail.com

अधिक जानकारी

कालसर्प पूजा विशेषज्ञ के रूप में, गुरुजी ने इस पूजा में विशेष निपुणता हासिल की है। उन्होंने अब तक अनगिनत शांति पूजा और यज्ञ संपन्न किए हैं, जिनसे यजमानों को तुरंत ही उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त हुए हैं।